ग़ैर मुस्लिमों से गोश्त मँगाने का मसअला

ग़ैर मुस्लिमों से गोश्त मँगाने का मसअला :

NON MUSLIM SE GOSHT LENA KAISA HAI:

ग़ैर मुस्लिम की दुकान से गोश्त ख़रीद कर खाना या किसी ग़ैर मुस्लिम से हदिया और तोहफे में कच्चा या पका हुआ गोश्त लेकर खाना हराम है ख़्वाह वह यह कहे कि मैंने जानवर मुसलमान से जुबह कराया था। यअनी मुसलमान का ज़बीहा बताये तब भी उससे गोश्त लेना, ख़रीदना और खाना सब हराम है। हाँ अगर जुबह होने से लेकर जब तक मुसलमान के पास आया हर वक़्त मुसलमान की नज़र में रहा तो यह जाइज़ है।

(फतावा रजविया ज़िल्द 10 निस्फ अव्वल सफ़हा 94)

हाँ अगर गोश्त किसी मुसलमान की दुकान से लाया गया लेकिन खरीद कर लाने वाला नौकर, मजदूर वगैरह कोई ग़ैर मुस्लिम हो और वह कहे कि मैंने यह गोश्त मुसलमान की दुकान से खरीदा है और आप भी जानते हैं कि यह मुसलमान की दुकान से ख़रीदकर लाया है तो उस गोश्त को खाना जाइज़ है।

जामे सगीर में है :

(हिदाया जिल्द 4 सफ़ा 437)

बहारे शरीअत हिस्सा 16 सफ़ा 36 पर भी इसकी वजाहत मौजूद है।

खुलासा यह कि मुसलमान की दुकान का गोश्त जाइज़ है ख्वाह खरीद कर लाने वाला नौकर या मज़दूर ग़ैर मुस्लिम हो और ग़ैर मुस्लिम की दुकान का  गोश्त हराम है ख्वाह ख़रीद कर लाने वाला मुसलमान ही क्यूं न हो और अगर जुबह शरई से लेकर किसी वक़्त मुसलमान की नज़र से गाइब न हुआ तो यह भी जाइज़ है ।

(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह ,पेज 130)

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