आधी आस्तीन की शर्ट पहन कर नमाज़ पढ़ने का मसला || Half Shirt Me Namaz Padhne Ka Masla

बिला मजबूरी कुहनियां खोल कर जैसे आज कल आधी आस्तीन की शर्ट पहन कर कुछ लोग नमाज़ अदा करते है यह कैसा है ? 

बिला मजबूरी (यानी उसके पास दूसरे कपड़े हो फिर भी) आधी आस्तीन वाले कपड़े में नमाज़ पढ़ना मकरूहे तंजीही है और अगर कोई मजबूरी नहीं (यानी उसके पास दूसरे कपड़े मौजूद नहीं है) तो अब कराहत भी नहीं और अगर आस्तीन चढ़ा कर नमाज़ पढ़ता है तो मकरूहे तहरीमी है|

और लोग इसी पर कयास कर के कहते है कि हाफ आस्तीन में नमाज़ पढ़ना मकरूहे तहरीमी है जोकि बिल्कुल ग़लत है बल्कि अगर वह जान बूझ कर भी हाफ आस्तीन में नमाज़ पढ़ता है तब भी मकरूहे तज़ीही है|

हिदायत : इस से लोगों को यह सबक हासिल करना चाहिए कि बाज़ अवकात कोई शख़्स हाफ आस्तीन में नमाज़ पढ़ते है तो हम फौरन कह देते है कि नमाज़ नहीं हुई या मकरूहे तहरीमी हुई या यह कि इस तरह नमाज़ नहीं होगी आप दूसरा कपड़ा पहन कर आए वगैरा... और इस तरह उनकी जमअत भी चली जाती है, और हम यह भी नहीं देखते की सामने वाला किस सूरत में पढ़ रहा है, मजबूरी है भी की नहीं और अगर मजबूरी न हो तो भी उसकी नमाज़ हो जाएगी दोहराना वाजिब नहीं, और मजबूरी है तो कोई हर्ज भी नहीं |

अफसोस है ऐसे जाहिलों पर जो बिना सोचे समझे बगैर इल्म के गलत फतवे लगाते है |

हुज़ूर {ﷺ} फरमाते है जो बगैर इल्म का फतवा दे उस पर तमाम ज़मीन व आसमान के फरिश्ते लानत करते है। 

[📚 फतावा अमजदिया अव्वल सफा 193]

[📚फतावा फक़ीहे मिल्लत जिल्द अव्वल सफा 174]

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