शादी के मौके पर दुल्हा-दुल्हन को सजाना || Shadi Ke Mouke Par Dulha - Dulhan Ko Sajane Ka Masla


शादी के मौके पर दुल्हा दुल्हन को सजाना || 

शादी के मौके पर दूल्हे दुल्हन को मेहंदी लगाई जाती है, कंगन बांधा जाता हैं और निकाह के दिन सेहरा बांधा जाता है और ज़ेवरात से सजाया जाता हैं। लिहाज़ा यहां यह बयान कर देना निहायत जरूरी हैं।

मसअला : औरतों को मेहंदी लगाना जायज़ है लेकिन बिला ज़रूरत छोटी बच्चियों के हाथ पांव में मेहंदी लगाना नहीं चाहिए । बड़ी लड़कियां के हाथ पांव में लगा सकते हैं।

(कानूने शरी अत, जिल्द 2)

हदीस शरीफ़: औरतों को चाहिए कि हाथ पांव पर मेहंदी लगाए ताकि मर्दों के हाथ की हाथ न हों और किसी वजह से या बे एहतियाती में किसी गैर मर्द को दिख जाए तो उसे पता न चले कि औरत किस रंग की हैं यानि गोरी है या काली क्योंकि हाथो के रंग को देखकर भी चेहरे के रंग का अंदाजा लगाया जा सकता हैं। एक हदीस में इरशाद हुआ के ज़्यादा न हो तो मेहंदी से नाखून ही रंगीन रखें।

(फतावा रज़वीया, जिल्द 9)

लिहाज़ा औरतों को मेहंदी लगाना बेशक जायज़ हैं और इसी तरह हर किस्म के जेवरात भी जायज़ हैं चुनांचे दुल्हन को मेहंदी लगाने, ज़ेवरात से सजाने में कोई हर्ज नहीं। लेकिन मर्दों को ये सब हराम है चाहे दुल्हा ही क्यों न हो।

मसअला:  हाथ पांव में बल्कि सिर्फ नाखूनों में भी मेहंदी लगाना मर्द के लिए हराम हैं।

(फतावा ए रज़वीया, जिल्द 9)

मसअला: हुजूर मुफ्ती ए आज़म ए हिन्द अलैहिरहमा फरमाते हैं कि मर्द को हाथ पांव मेहंदी लगाना न जायज़ है, ज़ेवर पहनना गुनाह हैं, कंगन हिन्दुओं की रस्म है ये सब चीज़ें पहले उतरवाए फिर निकाह पढ़ाए के जितनी देर निकाह में होंगी उतनी देर वो दुल्हा और गुनाह में रहेगा । और बुरे काम को कुदरत होते हुए न रोकना देर करना ख़ुद गुनाह है,बाकी अगर ज़ेवर पहने हुए निकाह हुआ तो निकाह हो जायगा।

(फतावा ए मुस्तफाविया, जिल्द 3)

1 comment:

  1. Unmarried girls ke paon pe mehendi laga sakte hai kya

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