ईद उल फित्र की फजीलत, आज के दिन उम्मते मोहम्मदी की बख़्शीश को देखकर शैतान रोना रोता है...






Qur'aan Sharif

*وَ لِتُکۡمِلُوا الۡعِدَّۃَ وَ لِتُکَبِّرُوا اللّٰہَ عَلٰی مَا ہَدٰىکُمۡ*

Rozon ki ginti poori karo aur Allah Ki Badayi Bolo ke Is Ne Tumhen Hidayat Farmayi.

Surah Baqarah, 185.


Eidain Ki Raat Me Ibadat Karne Waale Ka Sawab :

حَدَّثَنَا أَبُو أَحْمَدَ الْمَرَّارُ بْنُ حَمُّويَةَ، ‏‏‏‏‏‏حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ الْمُصَفَّى، ‏‏‏‏‏‏حَدَّثَنَا بَقِيَّةُ بْنُ الْوَلِيدِ، ‏‏‏‏‏‏عَنْ ثَوْرِ بْنِ يَزِيدَ، ‏‏‏‏‏‏عَنْ خَالِدِ بْنِ مَعْدَانَ، ‏‏‏‏‏‏عَنْ أَبِي أُمَامَةَ، ‏‏‏‏‏‏عَنِ النَّبِيِّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:‏‏‏‏ *مَنْ قَامَ لَيْلَتَيِ الْعِيدَيْنِ مُحْتَسِبًا لِلَّهِ، ‏‏‏‏‏‏لَمْ يَمُتْ قَلْبُهُ يَوْمَ تَمُوتُ الْقُلُوبُ.*

Rasloolullah صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّم Farmate Hain: Jo Eidain Ki Raaton Me Qiyam Kare, Is Ka Dil Na Marega Jis Din Logon Ke Dil Marenge.

*📚Sunan Ibn Majah, Hadees # 1782.

Eid ul Fitr Ke Din Nikalne Se Pahle Kuch Kha Lene Ka Bayan:

حَدَّثَنَا الْحَسَنُ بْنُ الصَّبَّاحِ الْبَزَّارُ الْبَغْدَادِيُّ، ‏‏‏‏‏‏حَدَّثَنَا عَبْدُ الصَّمَدِ بْنُ عَبْدِ الْوَارِثِ، عَنْ ثَوَابِ بْنِ عُتْبَةَ، عَنْ عَبْدِ اللَّهِ بْنِ بُرَيْدَةَ، عَنْ أَبِيهِ، قَالَ:‏‏‏‏    كَانَ النَّبِيُّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ لَا يَخْرُجُ يَوْمَ الْفِطْرِ حَتَّى يَطْعَمَ وَلَا يَطْعَمُ يَوْمَ الْأَضْحَى حَتَّى يُصَلِّيَ.

HADEES: Huzoor e Aqdas صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ Eid Ul Fitr Ke Din Kuch Kha kar Namaz Ke Liye Tashreef Lejate aur Eid ul Adha Ko Na Khate Jab tak Namaz Na Padh Lete.

📚Jam e Tirmazi Hadees # 542.

Eid ul Fitr me Namaz Ke Liye Jane Se Pahle Kuch Kha lena Sunnat hai :

حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ عَبْدِ الرَّحِيمِ، ‏‏‏‏‏‏حَدَّثَنَا سَعِيدُ بْنُ سُلَيْمَانَ، ‏‏‏‏‏‏قَالَ:‏‏‏‏ حَدَّثَنَا هُشَيْمٌ، ‏‏‏‏‏‏قَالَ:‏‏‏‏ أَخْبَرَنَا عُبَيْدُ اللَّهِ بْنُ أَبِي بَكْرِ بْنِ أَنَسٍ، ‏‏‏‏‏‏عَنْ أَنَسٍ، ‏‏‏‏‏‏قَالَ:‏‏‏‏ ""كَانَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ لَا يَغْدُو يَوْمَ الْفِطْرِ حَتَّى يَأْكُلَ تَمَرَاتٍ""، ‏‏‏‏‏‏وَقَالَ مُرَجَّى بْنُ رَجَاءٍ:‏‏‏‏ حَدَّثَنِي عُبَيْدُ اللَّهِ قَالَ:‏‏‏‏ حَدَّثَنِي أَنَسٌ، ‏‏‏‏‏‏عَنِ النَّبِيِّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ وَيَأْكُلُهُنَّ وِتْرًا.

HADEES : Rasoolullah صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ Eid ul Fitr ke din Tashreef na le jate, jab tak kuch khajooren na tanawul farma lete aur taaq hoten. (The Prophet used to eat odd number of dates.)

📚Sahih Bukhari Hadees # 953.


➤ ईदैन की रात में इबादत की फ़ज़ीलत :

हज़रते सय्यिदुना अबू उमामा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُ से रिवायत है कि रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہ وَ سَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : "जो ईदैन की रातों में कियाम करे (या'नी इबादत में गुज़ारे), उस का दिल न मरेगा जिस दिन लोगों के दिल मरेंगे।"

*(سنن ابن ماجه، أبواب ماجاء في الصيام، باب فيمن قام  ليلتى العدين، الحديث ١٧٨٢، ج ٢،  ص ٣٦٥)*

हज़रते सय्यिदुना मुआज़ बिन जबल رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُ से मरवी है, फ़रमाते है : "जो पांच रातों में शब  बेदारी करे (या'नी जाग कर इबादत में  गुज़ारे) उस के लिए जन्नत वाज़िब है, ज़िल हिज्जह  की आठवीं, नवीं, दसवी रातें और ईदुल फित्र की रात और शा'बान की पन्द्रवीह रात।"

(الترغيب والترهيب، كتاب العدين والأضحية، الترغيب في إحياء ليلتي العدين، الحديث : ٢، ج ٢، ص ٩٨)


➤ Ahle Madeena Ki Eid. अहले मदीना की ईद :

हज़रते सय्यिदुना अनस رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُ से रिवायत है कि हुज़ूरे अक़दस صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہ وَ سَلَّمَ जब मदीना तशरीफ़ लाये, उस ज़माने में अहले मदीना (मदीना के लोग) दो दिन खुशी करते थे (मेहरजान और नैरोज़), फ़रमाया : यह क्या दिन है ? लोगों ने अर्ज़ की, जाहिलिय्यत में हम इन दिनों में खुशी करते थे,
फ़रमाया : "अल्लाह तआला ने इन के बदले में इन से बेहतर दो दिन तुम्हे दिए, ईदुल अज़हा व ईदुल फित्र के दिन।"

*(سنن أبي داود، كتاب الصلاة، باب الصلاة العدين، الحديث ١١٣٤، ج ١،  ص ٤١٨)*

➤ Eid Ki Namaz Ke Liye Jane Se Pahle Ki Sunnat. नमाज़े ईद के लिए जाने से पहले की सुन्नत :

हज़रते सय्यिदुना बुरैदा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُ से मरवी है, कि "हुज़ूरे अक़दस صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہ وَ سَلَّمَ ईदुल फित्र के दिन कुछ खा कर नमाज़ के लिए तशरीफ़ ले जाते और ईदुल अज़हा को न खाते, जब तक नमाज़ न पढ़ लेते।"
*(جامع الترمذي، أبواب العدين، باب ما جاء في الأكل يوم الفطر قبل الخروج، الحديث : ٥٤٢، ج ٢، ص ٧٠)*

हज़रते सय्यिदुना अनस رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُ से रिवायत है, कि ईदुल फित्र के दिन तशरीफ़ न ले जाते, जब तक चन्द खजूरें न तनावुल फ़रमा लेते और (वह खजूरें) ताक़ (या'नी एक या तीन या पांच या 7 इस तरह) होती।

*(صحيح البخاري، كتاب العدين، باب الأكل يوم الفطر قبل الخروج، الحديث : ٩٥٣، ج ١، ص ٣٢٨)*

➤ Eid ki Namaz Ke Liye Ane Aur Jane Ki  Sunnat. नमाज़े ईद के लिए आने और जाने की सुन्नत:

हज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُ से रिवायत है कि "ईद को एक रास्ते से तशरीफ़ ले जाते और दूसरे रास्ते से वापिस होते।"

*(جامع الترمذي، أبواب العدين، باب ما جاء في خروج النبي صلى الله عليه وسلم إلى العيد...إلخ، الحديث : ٥٣١، ج ٢، ص ٦٩)*


➤ Eid Ki Namaz Ki 2 Raq'at Hai. नमाज़े ईद की दो रकअत है:

हज़रते सय्यिदुना इब्ने अब्बास  رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُ से मरवी है, कि "हुज़ूरे अक़दस صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہ وَ سَلَّمَ  ने ईद की नमाज़ दो रकअत पढ़ी, न इसके क़ब्ल नमाज़ पढ़ी न बा'द।"

*(سنن أبي داود، كتب الصلاة، باب يصلى بالناس العيد في المسجد إذا كان يوم مطر، الحديث : ١١٦٠، ج ١، ص ٤٢٥)*

➤ Eid Ki Namaz Ke Liye Na Azan Hai Aur Na Ikamat नमाज़े ईद के लिए न अज़ान है न इक़ामत:

हज़रते सय्यिदुना जाबिर बिन सुमरह رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُ कहते  है : "मेने हुज़ूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہ وَ سَلَّمَ के साथ ईद की नमाज़ पढ़ी एक दो मर्तबा नही (बल्कि बारहा), न अज़ान हुई न इक़ामत।'

*(صحيح مسلم، كتاب الصلاة العدين، باب كتاب الصلاة العدين، الحديث : ٨٨٧، ص ٤٣٩)

➤ Eid Ki Namaz Kis Par Wajib Hai नमाज़े ईदैन किस पर वाज़िब है ? :

ईदैन की नमाज़ वाज़िब है मगर सब पर नही बल्कि उन्ही पर जिन पर जुमुआ वाज़िब है और इस की अदा की वही शर्ते है जो जुमुआ के लिए है सिर्फ इतना फर्क है कि जुमुआ में खुतबा  शर्त है और ईदैन में सुन्नत अगर जुमुआ में खुतबा न पढ़ा तो जुमआ न हुआ और इस (ईदैन) में न पढ़ा तो नमाज़ हो गई मगर बुरा किया।

➤  Eid ki Namaz Aur Juma Ki Namaz Me Fark :

फर्क यह है कि जुमुआ का खुतबा नमाज़ से पहले है और ईदैन का नमाज़ के बा'द अगर पहले (खुतबा) पढ़ लिया तो बुरा किया मगर नमाज़ हो गई लौटाई नही जाएगी और खुतबे को भी नही दोहराया जाएगा और ईदैन में न अज़ान है न इक़ामत सिर्फ दो बार इतना कहने की इजाज़त है "अस्सलातु जामिअह", बिला वजह ईद की नमाज़ छोड़ना गुमराही व बुरी बिदअत है।

➤ Eid Ki Namaz Gaon Me Padhna Makrooh E Tehreemi Hai  गांव में ईदैन की नमाज़ पढ़ना मकरूहे तहरीमी है।

(बहारे शरीअत, हिस्सा : 4,  ईदैन का बयान)


EID KA TOHFA:

Imam Muhammad Ghazali Alaihi rahma ne apni kitaab me ek hadees naql farmayi hai

Pyare NABI sallallahu alaihi wa sallam ne farmaya

*_Jisne EID ke din 300 Bar_

*_"SUBHANALLAHI WABI HAMDIHI_"*

*_Pada aur iska sawab tamam marhumeen ko esaale sawab kiya tho ALLAH paak sabki sabki qabr me 1000 anwaar (roshni) dakhil farmayega"_*


*(📚Mukashifatul Quloob, baab fazail eidul fitr page-642)

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