🔸दस बीवी की कहानी,नूर नामा,16 सय्यदों की कहानियां पढना या ओरतों को मिल कर पढना शरीअत में नाजाइज़ है...
16 सय्यदों की कहानी
ये किताब बिल्कुल झूठी और बनावटी है और किसी शिया ने बना दी है..
मुफ़्ती शरीफुल हक़ अमजदी सहाब फ़रमाते है :-
ये किताब शुरू से लेकर आख़िर तक झूठ है..इस किताब में थोड़ी भी सच्चाई नही है..इस किताब का पढना सुनना कुछ भी जाइज़ नही..इस किताब में कुछ जुमले ऐसे है जिनका ज़ाहिरी माना कुफ़्र है...
ये किताब शुरू से लेकर आख़िर तक झूठ है..इस किताब में थोड़ी भी सच्चाई नही है..इस किताब का पढना सुनना कुछ भी जाइज़ नही..इस किताब में कुछ जुमले ऐसे है जिनका ज़ाहिरी माना कुफ़्र है...
इसलिए मुसलमान मर्द-औरतें इस किताब को हरगिज़ न पढ़े न सुने और न अपने घर मे रखे...
दस बीवीयों की कहानी और नूर नामा
ये दोनों किताबे भी बनावटी कहानियों से भरी हुई है..इसका भी पढना सुनना जाइज़ नही..
ये किताबे झूठी रवायतों से भरपूर है..इसके वाकियो की कोई सनद नही है..
आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ान अलैहिर्रहमा फ़रमाते है :-
नूर नामा और उसकी रवायतें बे अस्ल है और उनका पढना भी दुरुस्त नही है..
फिर सवाब की बात तो बहुत दूर रही...
1-मनघडंत और बनावटी रवायतें सफ़ा,33-34-35,
2-महानामा अशरफिया,नवम्बर-2000
3-फ़तावा रज़विया हिस्सा -12 सफ़ा-353
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