जो शख्स नमाज़ नहीं पढ़ता, उसे ये 15 ख़ौफ़ नाक सज़ाएँ दी जाएगी...
➤ हुजुर नबी ए करीम ﷺ का फरमान ए इब्रत निशान है :
जो नमाज़ के मुआमले मे सुस्ती बरतेगा । अल्लाह अज्जवजल उसे 15 किस्म की सज़ाएँ देगा। इन मे 6 दुनिया मे ,तीन मौत के वक्त , तीन कब्र मे और तीन कब्र से निकलने के बाद देगा।
जो नमाज़ के मुआमले मे सुस्ती बरतेगा । अल्लाह अज्जवजल उसे 15 किस्म की सज़ाएँ देगा। इन मे 6 दुनिया मे ,तीन मौत के वक्त , तीन कब्र मे और तीन कब्र से निकलने के बाद देगा।
➤ दुनिया में 6 सज़ाए :
2.अल्लाह अज्जवजल उस के चेहरे से नेक लोगो जैसी नूरानीयत छीन लेगा।
3.अल्लाह अज्जवजल उसके किसी अमल का अज्र ओ सवाब नहीं देगा।
4.उसकी कोई दुआ आसमान तक बुलन्द न होगी।
5.अल्लाह अज्जवजल लोगों के सामने उसे जलील ओ ख़्वार करेगा।
6.नेक लोगो की दुआओं मे उसका कोई हिस्सा न होगा।
➤ मौत के वक्त की सज़ाएं :
7. जलील होके मरेगा
8. भूखा मरेगा।
9. मरते वक्त इतनी सख़्त प्यास लगेगी कि अगर उसे सारे दरियाओं का पानी भी पिला दिया जाए।तो भी प्यास न बुझेगी|
➤ कब्र की तीन सज़ाएं :
11.उसकी कब्र मे आग भड़का दी जाएंगी जिस में वो उलट पलट होता रहेगा।
12.उस पर कब्र में एक अज़्दहा मुसल्लत कर दिया जायेगा जिसका नाम अश्शुजाउल अकरअ ( यानि गंजा सांप जो सख़्त जहरीला होता है )है उसकी आँखे आग की और नाखून लोहे के होंगे।हर नाखून की लंबाई एक दिन की मुसाफ़त के बराबर होगी।वो बिजली की तरह कड़क कर कहेगा कि में अश्शुजाउल अकरअ हूँ मुझे मेरे रब अज्जवजल ने हुक्म फ़रमाया है कि तुझे सुब्ह की नमाज़ जाएअ करने के जुर्म में सुब्ह ता तुलुअ ए आफ़्ताब ,नमाज़े जुहर जाएअ करने पर ज़ुहर ता अस्र ,नमाज़े अस्र जाएअ करने पर अस्र ता मग़रिब,नमाज़ ए मग़रिब जाएअ करने पर मग़रिब ता इशा,और नमाज़े इशा जाएअ करने यानि नहीं पढ़ने पर इशा ता सुब्ह मारता रहूँगा और जब जब वो एक ज़र्ब लगाएगा तो मुर्दा सत्तर हाथ जमीन मे धंस जायेगा।फिर वो अज़दहा अपने नाखून जमीन मे गाड़कर उसको निकलेगा।तो ये अज़ाब उस पर क़ियामत तक मुसलसल होता रहेगा
➤ कब्र से उठने के बाद की तीन सज़ाएं :
13.अल्लाह अज्जवजल जहन्नम की आग का एक बादल उसके चेहरे के सामने मुसल्लत फरमाएगा।जो उस को जहन्नम की तरफ हाँक कर ले जायेगा।
14.हिसाब के वक्त अल्लाह अज्जवजल उसकी तरफ गजबनाक नज़र डालेगा जिससे उस के चेहरे का गोश्त झड़ जायेगा।
15.उसका हिसाब सख़्ती से लिया जायेगा।अल्लाह अज्जवजल उसको दोज़ख मे ले जाने का हुक्म सादिर फ़रमाएगा।
फैजान ए सुन्नत हिन्दी pg.1051to1053
Post a Comment