ज़कात ना देने वाले यहुदो नसारा की तरह है...


Zakat Na Dene Vale Yahoodo Nasara Ki Tarah Hai:

रसूलल्लाह “ﷺ” का इरशाद है, ज़कात ना देने वाले अल्लाह तबारक व तआला के यहां यहुदो नसारा की तरह हैं। उशरा ना देने वाले मजुस की तरह, ज़कात और उशरा ना देने वाले नबी “ﷺ” और फरिश्तों की ज़बान से मलउन क़रार पाते हैं। और उन की गवाही क़ाबिल ए क़ुबूल नहीं। और हुज़ूर “ﷺ” ने इरशाद फ़रमाया, उस शख़्स के लिए ख़ुश ख़बरी है जिस ने ज़कात और उशरा अदा किया। और उस के लिए भी ख़ुश ख़बरी है जिस पर क़्यामत और ज़कात का अज़ाब नहीं। जिस शख़्स ने अपने माल की ज़कात अदा की अल्लाह तबारक व तआला ने उस से अज़ाब ए क़ब्र उठा लिया, उस पर जहन्नम को हराम कर दिया, उस के लिए बग़ैर हिसाब के जन्नत वाजिब कर दी और उसे क़्यामत के दिन प्यास नहीं लगेगी।

📚 मुकाशिफ़तुल क़ुलुब
📚फ़ैज़ान ए शरीअत, ज़कात का बयान, सफ़ा 325

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