फज़ाइले सदक़ा ।। What Is Sadqa ?
फज़ाइले सदक़ा Sadqa Kya Hota hai :
* क़ुरान में मौला तआला इरशाद फरमाता है कि "और जो बुख्ल (कंजूसी) करते हैं उस चीज़ में जो अल्लाह ने उन्हें अपने फज़्ल से दी हरगिज़ उसे अपने लिए अच्छा ना समझें बल्कि वो उनके लिए बुरा है
📕 पारा 4,सूरह आले इमरान,आयत 180
* हदीसे पाक में आता है हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि "जाहिल सखी इबादत गुज़ार कंजूस से बेहतर है
📕 मिश्कात,जिल्द 1,सफह 165
* सदक़ा गुनाहों को इस तरह मिटाता है जैसे पानी आग को बुझा देता है
📕 मजमउज़ ज़वायेद,जिल्द 3,सफह 419
* सदक़ा रब के गज़ब को ठंडा करता है और बुरी मौत को दफा करता है
📕 मिश्कात,जिल्द 1,सफह 527
* सदक़ा वो है कि साईल के हाथ में जाने से पहले मौला तआला क़ुबूल फरमा लेता है
📕 मुकाशिफातुल क़ुलूब,सफह 460
* सदक़ा क़ब्र की गर्मी को कम करता है एक मुसलमान का भूले हुए को राह बताना किसी से मुस्कुराकर बात करना रास्ते से पत्थर हटा देना या कुछ भी ऐसा करना जिससे किसी को फायदा पहुंचता है तो ये उसकी तरफ से सदक़ा है और सदक़ा बन्दे को रब से क़रीब यानि जन्नत से क़रीब कर देता है और कंजूसी रब से दूर और जहन्नम से क़रीब कर देता है
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 5,सफह 80--84
* मौला तआला ने जब ज़मीन को पैदा फरमाया तो वो रब के जलाल से कांपने लगी तो उस पर पहाड़ बसा दिए जिससे उसकी हरकत मौक़ूफ हो गयी,फरिश्तो को पहाड़ की ताक़त पर बड़ा ताज्जुब हुआ उन्होंने मौला से पूछा कि क्या पहाड़ से भी ताकतवर कोई चीज़ दुनिया में है तो मौला फरमाता है कि हां वो लोहा है फिर फरिश्ते अर्ज़ करते हैं कि मौला क्या लोहे से भी ताकतवर कोई चीज़ है तो मौला फरमाता है कि हां वो आग है फिर फरिश्तो ने अर्ज़ किया कि ऐ मौला क्या आग से भी ताकतवर कोई चीज़ है तो मौला फरमाता है कि हां वो पानी है फिर फरिश्ते अर्ज़ करते हैं कि मौला क्या पानी से ताक़तवर भी कुछ है तो मौला फरमाता है कि हां वो हवा है फिर फरिश्ते अर्ज़ करते हैं कि मौला क्या हवा से भी कोई चीज़ ताक़तवर है तो मौला इरशाद फरमाता है कि हां इंसान का किया हुआ वो सदक़ा जो उसने छिपाकर दिया हो वो हर चीज़ से ज़्यादा ताकतवर है
📕 मिश्कात,जिल्द 1,सफह 530
* हदीसे पाक में है कि हज़रत सअद बिन उबादा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की मां का इंतेकाल हो गया आपने नबी की बारगाह में अर्ज़ की या रसूल अल्लाह सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम मेरी मां का इंतेकाल हो गया अगर मैं उनके लिए सदक़ा करूं तो क्या उनको सवाब पहुंचेगा आप सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया हां फिर उन्होंने पूछा कि कौन सा सदक़ा अफज़ल है तो आप सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि पानी
📕 अबू दाऊद,जिल्द 1,सफह 266
* जो किसी मुसलमान को खाना खिलाये तो मौला उसे जन्नत के मेवे खिलायेगा और जो किसी मुसलमान को पानी पिलाए तो मौला उसे जन्नत का शर्बते खास पिलायेगा और जो किसी मुसलमान को कपड़ा पहनाये तो मौला उसे जन्नती लिबास पहनायेगा और जब तक उस कपड़े का एक टुकड़ा भी उसके बदन पर रहेगा वो अल्लाह की हिफाज़त में रहेगा
📕 तिर्मिज़ी,जिल्द 4,सफह 204-218
* फर्ज़ो के बाद एक मुसलमान का अपने मुसलमान भाई का दिल खुश करना अल्लाह को सबसे ज़्यादा पसंद है और जो शख्स किसी मुसलमान की कोई हाजत पूरी करता है तो अल्लाह उसकी हाजत पूरी करता है और जो कोई किसी मुसलमान से कोई तकलीफ दूर करता है तो मौला तआला क़यामत के दिन उसकी तकलीफ को दूर कर देगा
📕 इज़ानुल अज्रे फी अज़ानिल क़ब्रे,सफह 19-20
* तालिबे इल्म पर एक रुपया खर्च करना ऐसा है जैसे उसने उहद पहाड़ के बराबर सदक़ा किया
📕 क्या आप जानते हैं,सफह 385
* हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि बन्दे का राहे खुदा में 1 दरहम खर्च करना कभी कभी 1 लाख दरहम खर्च करने से भी आगे बढ़ जाता है सहाबा इकराम ने पूछा या रसूल अल्लाह सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम किस तरह तो आप फरमाते हैं कि किसी के पास कसीर माल है और उसने उसमे से 1 लाख दरहम खर्च किया मगर किसी के पास 2 ही दरहम थे और उसने उसमे से 1 दरहम खर्च कर दिया तो उसके 1 दरहम का सवाब 1 लाख दरहम से भी आगे बढ़ जायेगा
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 5,सफह 89
* जो अल्लाह की रज़ा के लिए मस्जिद तामीर कराये (यानि उसमे हिस्सा ले) तो अल्लाह उसके लिए जन्नत में मोतियों और याक़ूत से महल बनायेगा
📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 3,सफह 591
ⓩ सदक़ा क्या होता है और क्या कर सकता है उसके लिये ये रिवायत पढ़िये:
* एक ज़िनाकार औरत एक जगह से गुज़री जहां एक कुत्ता प्यासा था वो कुंअे में मुंह लटकाए पानी को देख रहा था,उस औरत ने अपने चमड़े का मोज़ा उतारा और अपने दुपट्टे में बांधकर कुंअे से पानी निकालकर उस कुत्ते को पिलाया उसके इस अमल से मौला खुश हो गया और उसकी मगफिरत हो गई
📕 बुखारी,जिल्द 2,सफह 409
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पास एक शख्स आया और कहने लगा कि हज़रत आप मुझे जानवरों की बोलियां सिखा दीजिये आपने उसको मना किया कि इसमे कसीर हिकमतें है लिहाज़ा अपने इस शौक से रुजू करो मगर वो नहीं माना आपने मौला से बात की तो वो फरमाता है कि अगर ये बाज़ नहीं आता तो सिखा दो तो आपने उसे जानवरों की बोलियां सिखा दी
उसके घर में एक मुर्गा और एक कुत्ता पला हुआ था मालिक ने जब रोटी का टुकड़ा फेंका तो मुर्गे ने झट से उठा लिया इस पर कुत्ता बोला कि ये तूने गलत किया कि तेरी गिज़ा दाना दुनका है और तूने मेरी रोटी उठा ली,तो मुर्गा बोला परेशान ना हो कल मालिक का बैल मर जायेगा वो उसे यहीं कहीं फेंक देगा जितना चाहे खा लेना,मालिक ने उन दोनों की बात सुन ली और दूसरे दिन सुबह सुबह ही वो बैल को बाज़ार में बेच आया दूसरे दिन कुत्ते ने कहा कि तुमने झूठ बोला और बिला वजह मुझे उम्मीद दी तो मुर्गा कहने लगा कि मैंने झूठ नहीं कहा था मालिक ने अक्लमंदी दिखाते हुए अपनी मुसीबत दूसरे के गले डाल दी खैर कल मालिक का घोड़ा मर जायेगा तब तुम उसे खा लेना,मालिक ने सुना और दूसरे दिन घोड़ा भी बेच आया अब कुत्ते ने झल्लाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल झूठे हो तुम्हारी कोई बात सच्ची नहीं,तो मुर्गा बोला कि ऐसा नहीं है मालिक जिसको अक़्लमंदी समझ रहा है वो उसकी सबसे बड़ी बेवकूफी है क्योंकि मौला ने उस पर कुछ मुसीबतें डाली थी जिसको उसके घर के जानवरों ने अपने सर पर ले लिया कि अगर वो मर जाते तो उसका फिदिया बन जाता मगर अब जबकि उसने अपना माल कुछ ना छोड़ा तो अब कल वो खुद मरेगा अब तो घर में दावत होगी जितना चाहे खा लेना
अब जो मालिक ने सुना तो उसके होश उड़ गए वो भागता हुआ हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की बारगाह में पहुंचा और सारी बात कह डाली,तो आप फरमाते हैं कि मैंने तो पहले की कहा था कि जो कुछ बन्दों से छिपाकर रखा गया है उसमें उनके ही लिए भलाई है मगर तुम ना माने अगर तुम उनकी बोली ना सीखते तो उन जानवरों की मौत तुमहारी तरफ से सदक़ा हो जाती और तुम्हारी जान बच जाती मगर तुमने उन्हें दूर कर दिया अब ये क़ज़ा टल नहीं सकती कल तुम यक़ीनन मरोगे,और दूसरे दिन वो मर गया
📕 सच्ची हिकायत,सफह 97
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FAZAILE SADQA:
* Quran me maula taala irshaad farmata hai ki "aur jo bukhl (kanjoosi) karte hain us cheez mein jo ALLAH ne unhe apne fazl se di hargiz use apne liye achchha na samjhen balki wo unke liye bura hai
📕 Paara 4,surah aale imran,aayat 180
* Hadise paak me aata hai huzoor sallallaho taala alaihi wasallam irshaad farmate hain ki "Jahil sakhi ibadat guzaar kanjoos se behtar hai
📕 Mishkat,jild 1,safah 165
* SADQA gunaho ko is tarah mitata hai jaise paani aag ko bujha deta hai
📕 Majmauz zawayed,jild 3,safah 419
* SADQA rub ke ghazab ko thanda karta hai aur buri maut ko dafa karta hai
📕 Mishkat,jild 1,safah 527
* SADQA wo hai ki saayil ke haath me jaane se pahle maula taala qubool farma leta hai
📕 Mukashifatul quloob,safah 460
* SADQA qabr ki garmi ko kam karta hai ek musalman ka bhoole hue ko raah batana kisi se muskurakar baat karna raaste se patthar hata dena ya kuchh bhi aisa karna jisse kisi ko faaydah pahunchta hai to ye uski taraf se sadqa hai aur sadqa bande ko rub se qareeb yaani jannat se qareeb kar deta hai aur kanjoosi rub se door aur jahannam se qareeb kar deta hai
📕 Bahare shariyat,hissa 5,safah 80--84
* Maula taala ne jab zameen ko paida farmaya to wo rub ke jalaal se kaanpne lagi to uspar pahaad basa diye jisse uski harkat mauquf ho gayi,farishto ko pahaad ki taaqat par bada taajjub hua unhone maula se poochha ki kya pahaad se bhi taaqatwar koi cheez duniya me hai to maula farmata hai ki haan wo loha hai phir farishte arz karte hain ki maula kya lohe se bhi taaqatwar koi cheez hai to maula farmata hai ki haan wo aag hai phir farishto ne arz kiya ki ai maula kya aag se bhi taaqatwar koi cheez hai to maula farmata hai ki haan wo paani hai phir farishte arz karte hain ki maula kya paani se taaqatwar bhi kuchh hai to maula farmata hai ki haan wo hawa hai phir farishte arz karte hain ki maula kya hawa se bhi koi cheez taaqatwar hai to maula irshaad farmata hai ki haan insaan ka kiya hua wo sadqa jo usne chhipakar diya ho wo har cheez se zyada taaqatwar hai
📕 Mishkat,jild 1,safah 530
* Hadise paak me hai ki hazrat sa'ad bin ubada raziyallahu taala anha ki maa ka inteqaal ho gaya aapne nabi ki baargah me arz ki ya RASOOL ALLAH sallallaho taala alaihi wasallam meri maa ka inteqaal ho gaya agar main unke liye sadqa karu to kya unko sawab pahuchega aap sallallaho taala alaihi wasallam ne farmaya haan phir unhone puchha ki kaunsa sadqa afzal hai to aap sallallaho taala alaihi wasallam ne farmaya ki paani
📕 Abu daood,jild 1,safah 266
* Jo kisi musalman ko khaana khilaye to maula use jannat ke meve khilayega aur jo kisi musalman ko paani pilaye to maula use jannat ka sharbate khaas pilayega aur jo kisi musalman ko kapda pahnaye to maula use jannati libaas pahnayega aur jab tak us kapde ka ek tukda bhi uske badan par rahega wo ALLAH ki haifazat me rahega
📕 Tirmizi,jild 4,safah 204-218
* Farzo ke baad ek musalman ka apne musalman bhai ka dil khush karna ALLAH ko sabse zyada pasand hai aur jo shakhs kisi musalman ki koi haajat poori karta hai to ALLAH uski haajat poori karta hai aur jo koi kisi musalman se koi taqleef door karta hai to maula taala qayamat ke din uski taqleef ko door kar dega
📕 Izanul ajre fi azaanil qabre,safah 19-20
* Taalibe ilm par ek rupya kharch karna aisa hai jaise usne uhad pahaad ke barabar sadqa kiya
📕 Kya aap jaante hain,safah 385
* Huzoor sallallaho taala alaihi wasallam farmate hain ki bande ka raahe khuda me 1 darham kharch karna kabhi kabhi 1 laakh darham kharch karne se bhi aage badh jaata hai sahaba ikram ne poochha ya RASOOL ALLAH sallallaho taala alaihi wasallam kis tarah se to aap farmate hain ki kisi ke paas kaseer maal hai aur usne usme se 1 laakh darham kharch kiya magar kisi ke paas 2 hi darham the aur usne usme se 1 darham kharch kar diya to uska 1 darham ka sawab 1 laakh darham se bhi aage badh jayega
📕 Bahare shariyat,hissa 5,safah 89
* Jo ALLAH ki raza ke liye masjid taameer karaye (yaani usme hissa le) to ALLAH uske liye jannat me motiyon aur yaaqoot se mahal banayega
📕 Fatawa razviyah,jild 3,safah 591
*ⓩ Sadqa kya hota hai aur kya kar sakta hai uske liye ye riwayat padhiye*
* Ek zinakaar aurat ek jagah se guzri jahan ek kutta pyasa tha wo kunwe me munh latkaye paani ko dekh raha tha,us aurat ne apne chamde ka moza utaara aur apne dupatte me baandhkar kunwe se paani nikaalkar us kutte ko pilaya uske is amal se maula khush ho gaya aur uski magfirat ho gayi
📕 Bukhari,jild 2,safah 409
* Hazrat moosa alaihissalam ke paas ek shakhs aaya aur kahne laga ki hazrat aap mujhe jaanwaro ki boliyan sikha dijiye aapne usko mana kiya ki kisme kaseer hikmatein hai lihaza apne is shauk se ruju karo magar wo nahin maana aapne maula se baat ki to wo farmata hai ki agar ye baaz nahin aata to sikha do to aapne use jaanwaro ki boliya sikh di
Uske ghar me ek murga aur ek kutta pala hua tha maalik ne jab roti ka tukda phenka to murge ne jhat se utha liya ispar kutta bola ki ye tune galat kiya ki teri giza daana dunka hai aur tune meri roti utha li,to murga bola pareshan na ho kal maalik ka bail mar jayega wo use yahin kahin phenk dega jitna chahe kha lena,maalik ne un dono ki baat sun li aur doosre din subah subah hi wo bail ko baazar me bech aaya doosre din kutte ne kaha ki jhoot bola aur bila wajah mujhe ummeed di to murga kahne laga ki maine jhoot nahin kaha tha maalik ne aqalmandi dikhate hue apni musibat doosre ke gale daal di khair kal maalik ka ghoda mar jayega tab tum use kha lena,maalik ne suna aur doosre din ghoda bhi bech aaya ab kutte ne jhallate hue kaha ki tum bilkul jhoote ho tumhari koi baat sachchi nahin,to murga bola ki aisa nahin hai maalik jisko aqal mandi samajh raha hai wo uski sabse badi bewaqufi hai kyunki maula ne uspar kuchh musibatein daali thi jisko uske ghar ke jaanwaro ne apne sar par le liya ki agar wo mar jaate to uska fidiya ban jaata magar ab jabki usne apna maal kuchh na chhoda to ab kal wo khud marega ab to ghar me daawat hogi jitna chahe khaa lena
Ab jo maalik ne suna to uske hosh ud gaye wo bhaagta hua hazrat moosa alaihissalam ki baargah me pahuncha aur saari baat kah daali,to aap farmate hain ki maine to pahle ki kaha tha ki jo kuchh bando se chhipakar rakha gaya hai usme unke hi liye bhalayi hai magar tum na maane agar tum unki boli na seekhte to un jaanwaro ki maut tumhari taraf se sadqa ho jaati aur tumhari jaan bach jaati magar tumne unhein door kar diya ab ye qaza tal nahin sakti kal tum yaqinan maroge,aur doosre din wo mar gara
📕 Sachchi hikayat,safah 97
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