हज़रत मख्दूम उल मुल्क बिहारी शर्फ़ुद्दीन अहमद यहया मनेरी फ़िरदौसी रहमतुल्लाह अलैह.

हज़रत मख्दूम उल मुल्क बिहारी शर्फ़ुद्दीन अहमद यहया मनेरी फ़िरदौसी रहमतुल्लाह अलैह (अल मुतवफ़्फ़ा 782 हिजरी) 

आप मोहताज ए तारुफ़ नहीं है, आप रहमतुल्लाह अलैह वह बुज़ुर्ग है जिनकी नमाज़ ए जनाज़ा हज़रत मख्दूम अशरफ़ जहांगीर सिमनानी अलैहिर्रहमा ने पढ़ाई थी । 

आप हज़रत मखदूम अज़मुल्लाह (शर्फ़ुद्दीन यहया मनेरी) रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है, "सब सवालात का इजमलन जवाब यह है कि हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तमाम मखलूक से अफ़ज़ल तरीन है और हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बाद तमाम खलायक़ में अफ़ज़ल हज़रात अम्बिया और सारे रसूल है। अम्बिया और रसूल के बाद तमाम उम्मतियों में अफ़ज़ल हज़रत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की उम्मत है और तमाम उम्मतो में अफ़ज़ल हज़रत सिद्दीक़ ए अकबर रदि अल्लाहु अन्हु है, उनके बाद हज़रत उमर खत्ताब रदि अल्लाहु अन्हु और उनके बाद हज़रत उस्मान गनी रदि अल्लाहु अन्हु और हज़रत अली मुर्तज़ा रदि अल्लाहु अन्हु है । 

(मा'दनुल मआनी मलफ़ूज़ात मखदूम ए जहान, बाब 10 सफ़ा 133)

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