3 रातों में सोहबत करना मकरूह है || 3 RATON ME SOHBAT KARNA MAKROOH HAI

3 रातों में सोहबत करना मकरूह है|

TEEN RATON ME SOHBAT KARNA MAKROOH HAI:

हज़रते इमाम मुहम्मद ग़ज़ाली नक़्ल फ़रमाते है कि हज़रते अली और हज़रते अबु हुरैरह और हज़रते अमीर मुआविया रदीयल्लाहो तआला अन्हुम ने रिवायत किया है कि :-

"(हर महीने की ) चाँद रात ,और चांद की पन्द्रहवीं शब (रात) और चांद के महीने की आख़िर रात में सोहबत करना मकरूह है...की इन रातों में सोहबत करने के वक़्त शैतान मौजूद रहते है....

 नोट : - तहक़ीक़ यह है कि इन रातों में सोहबत करना जाइज़ है लेकिन ऐहतियात इसी में है कि सोहबत करने से बचे...(वल्लाहो आलम) 

🖌📚: (किम्या-ऐ-सआदत,सफ़ा-266/ करीनये ज़िन्दगी,सफ़ा-104)


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