खिलाफ़ते राशिदा किसे कहते हैं (Khilafate Rasheda Ka Bayan Aur Khulfa E Rashedeen)
खुलफ़ाए राशेदीन
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के बाद आप के खलीफा बरहक व इमाम मुतलक सय्यदिना अबू बक्र सिद्दीक रदीअल्लाहो तआला अन्हु हैं फिर हज़रत उमर फारुक रदीअल्लाहो तआला अन्हु फिर हजरत उसमान ग़नी रदीअल्लाहो तआला अन्हु फिर हज़रत मौला अली रदीअल्लाहो तआला अन्हु फिर हजरत इमामे हसन रदीअल्लाहो तआला अन्हु इन हजरात की खिलाफ़त को खिलाफ़ते राशिदा कहते हैं इस लिये कि इन साहबों ने हुजूर की सच्ची नियाबत का पूरा हक अदा किया ।
अकीदा : मिनहाजे नुबूवत पर खिलाफ़त हक्का राशेदा 30 साल रही यानी हजरत सय्यदना इमाम हसन रदियल्लाहु अन्हु के छ: महीने पर खत्म हो गई फिर अमीरुल मोमेनीन उमर इब्ने अब्दुल अजीज की खिलाफत राशिदा हई और आखीर ज़माना में हजरत इमाम मेहदी रदीअल्लाहो तआला अन्हु की होगी,हजरत अमीर मोआवियां अव्वल मोलूके इस्लाम हैं।
अकीदा : अम्बिया व मुरसलीन के बाद तमाम मखलूकाते इलाही जिन इन्स व मलक से अफजल सिद्दीक अकबर हैं फिर उमर फारुके आज़म फिर उसमाने गनी फिर मौला अली रदीअल्लाहो तआला अन्हुम, जो शख्स मौला अली को सिद्दीक या फारुक से अफ़ज़ल बताये वह गुमराह बद मजहब हैं।
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