नमाज़ में कपड़ो की वजह से होने वाली मकरुहाते तहरीमा

नमाज़ के मकरुहाते तहरीमा

यह बातें नमाज़ में मकरूहे तहरीमी हैं यूं समझिए के इनकी वजह से नमाज़ में बड़ी खराबी आ जाती है|

★ दाढ़ी, बदन या लिबास के साथ खेलना।

★ कपडा समेटना।

जैसा कि आज कल बाज़ लोग सज्दे में जाते वक़्त पाजामा वग़ैरा आगे या पीछे से उठा लेते है।

★ अगर कपडा बदन से चिपक जाए तो एक हाथ से छुड़ाने में हरज नहीं।

कंधो पर चादर लटकाना

★ कपड़ा लटकाना मसलन सर या कंधे पर इस तरह से चादर या रुमाल वग़ैरा डालना कि दोनों कनारे लटकते हो, मकरुहे तहरीमी है

★ हा अगर एक कनारा दूसरे कंधे पर डाल दिया और दूसरा लटक रहा है तो हरज नहीं।

✍🏼दुर्रे मुख्तार, जी.2 स.488

★ आज कल बाज़ लोग एक कंधे पर इस तरह रुमाल रखते है की इस का एक सिरा पेट पर लटक रहा होता है और दूसरा पीठ पर। इस तरह नमाज़ पढ़ना मकरुहे तहरीमी है।

*✍🏼बहारे शरीअत, जी.3 स.165*

★ दोनों आस्तीनों में से अगर एक आस्तीन भी आधी कलाई से ज़्यादा चढ़ी हुई (मुड़ी हुई) हो तो नमाज़ मकरुहे तहरीमी होगी।

✍🏼दुर्रे मुख्तार, जी.2 स.490

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