औलिया अल्लाह कौन होते है || विलायत का बयान || Allah Ke Wali Koun Hote Hai || Wilayat Ka Bayan

Allah ke Wali koun hote hai, Auliya Allah koun Hote hai:

विलायत का बयान Wilayat Ka Bayan

वली वह मोमिन सालेह है जिसको मार्फत व कुर्बे इलाही का एक खास मामला हो अक्सर शरीअत के मुताबिक़ रियाजत व इबादत करने के बाद विलायत का दर्जा मिलता है और कभी इब्तेदाअन बिला रियाजत व मुजाहदह भी मिल जाता है । तमाम औलिया में सबसे बड़ा दर्जा हजरत खुल्फाये अरबा है । औलिया हर जमाना में होते हैं और कयामत तक होते रहेंगे लेकिन इनकी पहचानना आसान नहीं हज़राते औलिया को अल्लाह तआला बड़ी ताक़त दी है जो इनसे मदद मांगे हज़ारों कोस दूरी से उसकी मदद फरमाते हैं । इनका इल्म निहायत वसी होता है हत्ता कि बाजों को मा काना व मा यकून व लौहे महफूज पर इत्तेला देते हैं । मरने के बाद उनके कमालात और कूवतें और बढ़ जाती हैं । इनके मज़ार की हाजिरी फैज़े सआदत और बरकत का सबब है इनकों ईसाले सवाब अम्रे मुस्तहब और बाइसे बरकत । 

औलिया किराम का उर्स : यानी हर साल विसाल के दिन कुरआन ख्वानी , फातिहा पढ़ना , वाज़ , ईसाले सवाब अच्छी चीज़ है और सवाब का काम है । 

नाजाएज़ काम जैसे नाच ,रंग,खेल,तमाशा तो वह हर हालत में मजमूम है और मज़ाराते तय्यवा के पास और ज्यादह मज़मूम । 

चूंकि औलिया के सिलसिले में दाखिल होना उनका मुरीद व मोतकिद होना दोनों जहान की भलाई और बरकत का जरिया है इसलिये बैअत से पहले पीर में यह चार बातें ज़रूर देख लें ।

👉🏻(1) सुन्नी सहीहुल अक़ीदा हो वरना ईमान भी हाथ से जायेगा|

👉🏻(2) इतना इल्म रखता हो कि अपनी ज़रुरत के मसाइल किताबों से निकाल ले नहीं तो हराम , हलाल , जाइज , नाजाइज का फर्क न कर सकेगा ।

👉🏻(3) फासिके मोअलिन न हो कि फ़ासिक की तौहीन वाजिब है और पीर की ताजीम जरुरी ।

👉🏻( 4 ) उसका सिलसिला नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम तक मुत्तसिल हो वरना ऊपर से फ़ैज न पहुंचेगा।

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