अज़ान के बाद तस्वीब यानी सलात पढ़ना 781 हिजरी से रायज हुवा (AZAN KE BAAD SALAT KA PADHNE KA MASLA)
अज़ान के बाद तस्वीब यानी सलात पढ़ना 781 हिजरी से रायज हुवा :
जमाअत से चंद मिनट क़ब्ल सलात सुन्नी मसाजिद में पढ़ी जाती है इसके ढेरों फ़ायदे है...सबसे पहले तो हुज़ूर पर दुरूद ओ सलाम पढ़ने का हुक़्म अल्लाह ने क़ुरआन में दिया है और इसके सवाब की इंतिहा नही...नमाज़ी अगर ख़ुदा न ख़ास्ता काम मे लग जाये और भूल जाये तो उनको एक इत्तिलाअ और हो जाती है...
कोई कहे कि ये हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के ज़माने में नही होती थी तो उनसे पूछियेगा क्या फ़ज्र की अज़ान में अस्सलातु खैरूम मिनन्ननोम किस ज़माने से शुरू हुवा ? सऊदिया में तहज्जुद की अज़ान होती है वह किस ज़माने से शुरू हुई क्योंकि ये सब हुज़ूर के ज़माने में नही थी...तो दुरुद ए पाक पढ़ने में भी क्या दलील की ज़ुरूरत है ?
📚【दुर्रे मुख़्तार, जिल्द-1,सफह-273】
अपील :- ईमान की सलामती की दुआ करते रहा करें कि अल्लाह हमे ईमानी ज़िन्दगी और ईमानी मौत नसीब फ़रमाये... आमीन
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