लॉकडाउन में ईद की नमाज़ का मसला. (LockDown Me Eid Ki Namaz Ka Malsa)


LockDown Me Eid Ki Namaz Ka Malsa


📕लॉकडाउन में ईद के दिन क्या करें📕

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♦️अगर ईद के दिन भी  लॉकडाउन रहा तो नमाज़-ए- ईद आप पर माफ है,नमाज़ -ए- ईद पढ़ने का मौका ना मिलने की वजह से आप गुनाहगार नहीं होंगे,*

घर में घर की छत पर  या किसी बड़े हाल वगैरह में ईद की जमात नहीं हो सकती

इसलिए कम से कम ईद के दिन *आप अपने घर में चार रकात चाशत की नफ़्ल नमाज़ पढ़ें* और उस का तरीक़ा वही है जो चार रकात सुन्नत पढ़ने का तरीक़ा है यानी जिस तरह आप ज़ुहर ,असर और ईशा से पहले चार रकात सुन्नत पढ़ते हैं उसी तरह से इस नमाज़ को भी पढ़ें, और सलाम फेरने के बाद *34* बार *अल्लाहु अकबर* पढ़ें उसके बाद आप अपने हिसाब से दुआ मांगे जिस तरह आप और दिनों में मांगते हैं।


♦️नीयत इस तरह करें : नीयत की मैंने चार रकअत नमाज़े चाशत नफ़्ल की वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

👑 *यह नमाज़ तन्हा तन्हा पढ़ें क्योंकि तन्हा पढ़ना ही सब से  बेहतर है शरीअत को यही पसंद है।*

👑 *कम से कम जब शहर की किसी एक मस्जिद में ईद की नमाज़ हो जाए तब आप यह नमाज़ पढें उस से पहले नहीं।*

👑 *औरतें भी ईद के दीन  इस नमाज़ को पढ़ें।*

हमारे अहले सुन्नत के मुफ्तीयान ए किराम व ओलमा की तरफ से यही बताया गया है। इस पर ही अमल करें

♦️मस्जिद या ईद गाह में नमाज़ पढ़ने का मौका ना मिलने की वजह से ज़्यादा मायूस होने की ज़रूरत नहीं है, हमारा रब बहुत मेहरबान है रब्बुल आलमीन हमें उतना ही सवाब आता फ़रमाएगा जितना पिछले और सालों में ईद की नमाज़ ईदगाह या मस्जिद में पढ़ने पर मिलता था, क्योंकि

हदीस से यह बात साबित है कि किसी नेक काम की नीयत अगर दिल में हो मगर किसी मजबूरी की बजह से आदमी ना कर पाए तो उसे उस काम को ना करने के बावजूद भी पूरा सवाब मिलता है।

( बुखारी शरीफ, जिल्द: 2, पेज: 637)

*शेयर करे अपने ग्रुप में भेजे ताकि सब तक ये ईद के दिन घर पर क्या पढ़ना है सबको पता चले*


NAAT KHWAN : RIZAL KASHMIRI SAHAB







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