काले जादू से निजात के लिए कुरान की ये आयत पढ़कर दम करें, इंशाअल्लाह निजात मिलेगी...




➤ (Jadu se bachne ke liye) जिस पर जादू किया गया हो उस पर 100 बार सूरह फलक़ और सूरह नास पढ़कर दम करें इंशा अल्लाह जादू का असर ज़ायल होगा.

📕 जन्नती ज़ेवर,सफह 475

➤ अपनी मर्ज़ी की जगह शादी (apni marzi ki shadi ka wazifa) करने के लिए हर नमाज़ के बाद 241 बार या अज़ीज़ु या जामिऊ يا عزيز يا جامع अव्वल आखिर 11,11 बार दरूद शरीफ.

📕 रूहानी इलाज,सफह 203

➤ कहीं सख्त आग लग गई हो तो उसे बुझाने के लिए सूरह वद्दोहा पढ़कर 7 कंकरियों पर दम करें कि हर कंकरी पर एक बार पढ़कर आग में फेंकता जाये,इन शा अल्लाह आग बुझ जायेगी

📕 मसाएलुल क़ुर्आन,सफह 287

➤ जो किसी मुसीबत ज़दा को देखकर ये दुआ الحمد لله اللذي عافاني مما ابتلاك به وفضلني على كثير ممن خلق تفضيلا अलहम्दु लिल्लाहिल लज़ी आअफ़ानी मिम्मब तलाका बिही वफ'द्दलानी अला कसीरिम मिम्मन खलाक़ा तफदी'ला पढ़ लेगा, इंशा अल्लाह खुद कभी उस मुसीबत में गिरफ्तार ना होगा मगर बुखार ज़ुकाम खुजली और आंखों के दर्द में ना पढ़ी जाए कि इन अमराज़ की हदीस मे बड़ी तारीफ आई है

📕 अलमलफूज़,हिस्सा 1,सफह 14

➤ जिस किसी से उसकी महबूब चीज़ छीन ली गयी हो तो वो गुस्ल करके पाक कपड़ा पहने और हलाल रिज्क़ से सदक़ा देकर उसके बाद 2 रकात नमाज़ नफ्ल पढ़े,बाद नमाज़ 70 बार يا بديع سموت والأرض يا قاضي الحاجات या बदीउ'स समावाति वलअ'र्द या क़ा'दियल हाजात और 1000 बार يا بديع या बदी'ऊ पढ़े, इंशा अल्लाह कामयाब होगा

📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा,हिस्सा 2,सफह 252

जिनकी आंखों की रौशनी कमज़ोर हो गई है, वो इस अमल को करे,  
कैंसर (Cancer) की बीमारी का रूहानी इलाज
जानिये ! क्या है क़ुरआन शरीफ के इस सूरह की फ़ज़ीलत 
इस अमल से आपकी हर मुसीबत होगी दूर, छोटा सा अमल है एक बार जरूर करे.

➤ जो रोज़ाना 7 बार अलबारिऊ البارى पढ़ेगा उसे अज़ाबे कब्र ना होगा इंशा अल्लाह

📕 सोलह सूरह,सफह 214

➤ जो भी काम शुरू करें वो पूरा ना होता हो या किसी भी मुश्किल का हल ना निकलता हो तो बाद नमाज़े मग़रिब 1000 बार या रशीदु يا رشيدُ पढ़ें, इनशा अल्लाह उसका हल निकल आयेगा और अगर हमेशा पढ़ता रहे तो सारे जायज़ काम खुद बखुद पूरे होते जायेंगे और रोज़गार में भी खूब तरक़्क़ी होगी

📕 रूहानी इलाज,सफह 150

➤ जिस किसी के सीने में दर्द हो तो सूरह अलम नशरह लिखकर धोकर पिलायें दर्द दफअ होगा इनशा अल्लाह.

📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा,सफह 412


➤ जो कोई एक बार दुरूदे सआदत अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यदना व मौलाना मुहम्मदिन अदादा माफी इलमिल लाहि सलातन दा---एमातम बिदावामी मुल्किल लाह اللهم صلى على سيدنا محمّد عدد مافى علم الله صلوة دآيمةً بداوام ملك الله पढ़ता है तो 6 लाख दुरूदे पाक का सवाब उसके नामये आमाल में लिखा जाता है.

📕 खज़ीनये दुरूद शरीफ,सफह 234

➤ जो कोई सुबह और शाम को ये दुआ  अल्लाहुम्मा लकल हम्दु हम्दन दा--एमन मअ दवामिका व लकल हम्दु हम्दन खा-लिदन मअ खुलूदिका व लकल हम्दु हम्दल लामुन्तहा लहु दूना मशीय्यतिका व लकल हम्दु हम्दन इन्दा कुल्लि तरफति अैनिवं व तनफ्फुसे कुल्लि नफ्स اللهم لك الحمد ححمدا دا~ىما مع دوامك ولك الحمد حمدا خالدا مع خلودك ولك الحمد حمدا اللآمنتهى له دون مشىتك ولك الحمد حمدا عند كل طرفة عين وتنفس كل نفس सिर्फ 1 बार पढ़ लेगा तो फज़ले रब्बी से दिनों रात इबादत करने वाले को जितना सवाब मिलता है इस दुआ के पढ़ लेने वाले को उतना सवाब मिल जायेगा इन शा अल्लाह,याद रखें कि आधी रात ढलने के बाद से सूरज निकलने तक सुबह है और दोपहर ढलने से ग़ुरूब आफताब तक शाम है.

📕 सोलह सूरह,सफह 234

➤ जो कोई हर नमाज़ के बाद पारा 19 सूरह फुरक़ान आयत नं0 74 रब्बना हबलना मिन अज़वाजिना व ज़ुर्रीयातिना क़ुर्रता आय्युनिवं वजअलना लिल मुत्तक़ीना इमामा ربنا هب لنا من ازواجنا وذريتنا قرة اعين واجعلنا للمتقينا اماما आयत 1 बार पढ़ लिया करे तो उसके बीवी बच्चे सब ही दीनदार हो जायेंगे इन शा अल्लाह

📕 मसाएलुल क़ुर्आन,सफह 283

➤ जिनकी आंखों की रौशनी कमज़ोर हो गई हो वो पांचों नमाज़ों के बाद 11 बार  या नूरू يا نورُ पढ़कर दोनों हाथों के पोरों पर दम करके आंखों पर रखें

📕 जन्नती ज़ेवर,सफह 476

आमन्तो बिल्लाहि व रसूलिही آمنت بلله ورسوله पढ़ने से वस्वसे फौरन ही दूर हो जाते हैं

📕 अलमलफूज़,हिस्सा 1,सफह 71



मगर ये याद रखें जो शख्स नमाज़ ना पढ़े और अलग अलग कामों के लिये वज़ीफा पढ़ता रहे तो क़यामत के दिन उसका वज़ीफा उसके मुंह पर मार दिया जायेगा लिहाज़ा पहले नमाज़े पंजगाना की आदत डाल ले.

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